ट्रंप नहीं बच पाएंगे अमेरिकी कानून से
श्रुति व्यास
इट्स ऑफिशियल। तो डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ आपराधिक मुकदमे की चार्जशीट। अगले साल छह जनवरी को लोकतंत्र को कुचलने के आरोप में शुरू होगा मुकदमा। पूर्व राष्ट्रपति पर चार आरोप हैं। अभियोजन ने कहा है कि ‘‘चुनाव हारने के बाद भी प्रतिवादी (ट्रंप) सत्ता पर काबिज रहने के लिए दृढ़ संकल्पित थे”। ट्रंप के खिलाफ इस नए मामले की सुनवाई का काम दो महिला जजों को सौंपा गया है। गुरूवार को पूर्व राष्ट्रपति अमेरिकी मजिस्ट्रेट जज मोक्सिला ए उपाध्याय के समक्ष पेश होंगे, जिन्हें सन् 2022 में आठ साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था। कोर्ट की वेबसाइट पर दिए गए विवरण के अनुसार, उनका जन्म भारत में हुआ था। उनका बचपन अमेरिका के कन्सास शहर में गुजरा। उन्होंने कानून की शिक्षा लेने के पहले पत्रकारिता की डिग्री हासिल की। छह जनवरी वाले प्रकरण की सुनवाई अमेरिका जिला न्यायालय की न्यायाधीश तान्या चुटकन करेंगीं जो पहले वकील थीं और जिन्हें फेडरल ब्रांच में बराक ओबामा द्वारा नियुक्त किया गया था।
शक नहीं कि यह चार्ज कानून के राज, लोकतंत्र और उसकी संस्थाओं की जीत है। लोकतंत्र-समर्थक विशेषज्ञों ने इसका स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे लोकतंत्र के विचार और उसकी पालना में लोगों का विश्वास फिर से स्थापित होगा। विशेष प्रोसिक्यूटर की इस घोषणा का स्वागत और सराहना दोनों है। इसलिए भी क्योंकि इससे ट्रंप और उनके समर्थकों द्वारा दी जा रही धमकियों के मद्देनजर अमेरिका की चुनाव व्यवस्था मजबूत होगी। अभियोग में ट्रंप पर चार आरोप हैं: अमेरिका से धोखाधड़ी करने की साजिश, आधिकारिक काम में बाधा डालने की साजिश, आधिकारिक काम में बाधा डालना और बाधा डालने का प्रयास करना तथा 2020 के चुनाव परिणामों को बदलने और सत्ता में बने रहने के लिए षडय़ंत्र और सतत अनुचित प्रयास करना। अभियोग में छह सह-साजिशकर्ताओं की सूची भी दी गई है, जिन्होंने ट्रंप के सत्ता में बने रहने के प्रयासों में केंद्रीय भूमिका निभाई। हालांकि इनके नाम नहीं दिए गए हैं लेकिन इन छह में से पांच के बारे में जो विवरण है वह ट्रंप के वकीलों रूडी जुलियानी, सिडनी पावेल, जान ईस्टमेन, केन चेसब्रो और अमेरिकी न्याय विभाग के पूर्व अधिकारी जेफ क्लार्क से मेल खाता है।
यह ट्रंप के सामने आने वाली कानूनी चुनौतियों की शुरूआत भर है। जॉर्जिया में फुलटोन काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी फेनी विलिस, ट्रंप पर धोखाधड़ी के आरोप लगाने की तैयारी कर रहे हैं। ये आरोप चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण इस राज्य में ट्रंप द्वारा बाइडेन की जीत को पलटने के प्रयासों से संबंधित है। इस सबसे कुख्यात मामले में ट्रंप ने जॉर्जिया के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट, रिपब्लिकन पार्टी के ब्रेड रेफेन्सपर्सजर को बाइडेन की हार के लिए जरूरी वोटों का ‘जुगाड़’ करने का निर्देश दिया था। छह जनवरी की घटनाओं के बाद से ही इस बात की अनिश्चितता एवं इसे लेकर चिंता और भय बना हुआ है कि क्या अमेरिका ट्रंप और उनकी भडक़ाऊ हरकतों के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा? क्या 45वें राष्ट्रपति को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया जाएगा कि वे एक समय दुनिया के सबसे शक्तिशाली पद पर थे या अमेरिकी संस्थाएं- जो सबसे ताकतवर और विवेकवान मानी जातीं हैं- उस व्यक्ति का सामना करेंगी जो दुनिया के सबसे शक्तिशाली पद पर था? कल की घोषणा से यह साफ और जोरदार संदेश गया है कि चाहे कोई भी हो, यदि वह भविष्य में ऐसा ही अलोकतांत्रिक कार्य करता है तो कानून और उसके लंबे हाथ उस तक पहुंचेंगे।
जहां तक ट्रंप का सवाल है, यहां से उनका राजनीतिक सफर जोखिम भरा होगा क्योंकि उन्हें लगभग अंतहीन कानूनी कार्यवाहियों के रूप में बहुत सी बाधाओं का सामना करना होगा। इन नए आरोपों की घोषणा के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि रिपब्लिकन पार्टी के नेता चुप हैं। पहले जब ट्रंप के खिलाफ आरोपों की घोषणा होती थी तब उनके पक्ष में जोरदार प्रतिक्रिया होती थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। एक मसला पैसे का भी है। चुनाव अभियान जोर पकड़ रहा है लेकिन साथ ही कानूनी पचड़ों पर होने वाला खर्च भी बढ़ रहा है, जिससे उनकी सेव अमेरिकी पोलिटिकल एक्शन कमेटी के संसाधनों पर जबरदस्त दबाव पड़ रहा है। वे जितनी रकम हासिल करते हैं उससे ज्यादा खर्च कर देते हैं। और अभी मुकदमे की कार्यवाही के पूरी गति पकडऩे में दो महीने का समय है। तब इस पर करोड़ों डॉलर का खर्च आएगा।
आने वाले महीनों में, जैसे-जैसे चुनावी गर्मी बढ़ेगी, ट्रंप को अलग-अलग डिस्ट्रिक्स और अदालतों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। अक्टूबर में न्यूयॉर्क अटार्नी जनरल के व्यक्तिगत रूप से ट्रंप पर और ट्रंप आर्गेनाइजेशन पर 25 करोड़ डॉलर के दावे की कार्यवाही प्रारंभ होगी। 15 जनवरी 2024 को आयोवा में रिपब्लिकनों का सम्मलेन होगा और इसी दिन मानहानि के मामले में कार्यवाही शुरू होगीं। उसके बाद राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन के समय के आसपास आपराधिक मामलों की सुनवाई प्रारंभ होगी। आने वाले मार्च माह में ट्रंप पर स्ट्रॉर्मी डेनियल्स को मुंह बंद रखने के बदले पैसे देने के मामले की कार्यवाही शुरू होगी। इसके दो महीने बाद मई के अंत में सरकारी दस्तावेजों को गैर-कानूनी तरीके से अपने पास रखने के जो आरोप उन पर लगे हैं, उससे संबंधित मुकदमा शुरू होगा। ट्रंप इतिहास बना रहे हैं। वे ऐसे पहले व्यक्ति हैं जो राष्ट्रपति बनने की दौड़ में हैं और आपराधिक प्रकरणों का सामना भी कर रहे हैं। यदि वे 2024 का चुनाव जीत जाते हैं तो वे ऐसे पहले व्यक्ति बन सकते हैं जो व्हाइट हाउस जाने की बजाए जेल जाएगा। अमेरिका बदल गया है और वह और बदलेगा।