स्पीकर ने सीएम से मुलाकात कर वैकल्पिक मार्ग व नया पुल बनाने की मांग की
विजिलेंस करेगी मालन नदी पुल टूटने की जांच
प्रसन्न मोहन डबराल की मौत के दोषियों को सजा मिलेगी-स्पीकर
अनियंत्रित खनन से पुल कमजोर हुआ
देहरादून। विधानसभाध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने कहा कि मालन नदी का पुल टूटने से युवक प्रसन्ना डबराल की मौत के दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाएगी। शनिवार को सीएम धामी से हुई मुलाकात में स्पीकर ने पुल टूटने की विजिलेंस जांच की मांग की। गुरुवार को पुल टूटने से भाबर निवासी प्रसन्न मोहन डबराल की मौत हो गई थी। और कुछ लोग घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष की सभी मांगों को माना और पुल गिरने की जांच विजलेंस के माध्यम से कराने की बात की। सीएम से बातचीत के बाद वॉयरल किये गए वीडियो बयान में ऋतु खंडूडी ने कहा कि आवाजाही के लिए कलालघाटी-मवाकोट के रास्ते वैकल्पिक मार्ग बनाया जाय।
स्पीकर ने बताया कि पुल जो मात्र 13 वर्षों में ध्वस्त हो गया. जिसके कारण 38 वर्षीय हल्दुखाला कोटद्वार निवासी प्रसन्न मोहन डबराल की मृत्यु हो गयी जिसका 06 वर्ष का लड़का एवं 03 वर्ष की लड़की है तथा 02 अन्य व्यक्ति घायल हो गये, जो की सबके लिये अत्यन्त ही दुःखद एवं निराशाजनक है। खण्डूडी ने बताया की उनके द्वारा समय-समय पर स्थानीय अधिकारियों से लेकर शीर्षस्थ अधिकारियों को दूरभाष, बैठक में व्यक्तिगत रूप से तथा पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया कि कोटद्वार में मालन सुखरौ और खोह नदियों में अनियंत्रित खनन किया गया जिसके कारण इन नदियों पर बने पुलों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न होना स्वाभाविक है, जिसके परिणाम स्वरूप मालन नदी पर बना पुल मात्र 13 वर्षो में ध्वस्त हो गया।
यह पुल कोटद्वार और भाबर को आपस में जोड़ता है। पुल ध्वस्त होने से डबराल की मृत्यु तथा दो व्यक्ति घायल होने के साथ-साथ (सिगडी-झण्डीचौड़- कलालघाटी एवं कण्वाश्रम में रह रहे हजारों परिवारों का कोटद्वार प्रशासनिक मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है। औद्योगिक क्षेत्र की भी भारी हानि उठानी पड़ सकती है क्योंकि इस क्षेत्र की लाईफलाईन मालन पुल है। विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कोटद्वार विधान सभा क्षेत्र के हजारों निवासियों सहित औद्योगिक क्षेत्र पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए सतर्कता विभाग से खनन अवधि में सम्बन्धित विभागों की उच्च स्तरीय जांच दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी करवाई करने की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष ने क्षेत्र कोटद्वार के कलालघाटी – मवाकोट मार्ग के मध्य मालन नदी पर 300 मीटर स्पॉन डबल लेन आर०सी०सी० सेतु का निर्माण कराए जाने के बात कही । साथ ही कुंभी चौड़ स्थित बंद पड़े झूला पुल को भी ध्वस्त करने को कहा। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष की सभी मांगों को माना और पुल गिरने की जांच विजलेंस के माध्यम से कराने की बात की। साथ ही बंद पड़े पुल के ध्वस्तीकरण करने को कहा और वैकल्पिक मार्ग मवाकोट-कण्वाश्रम को कोटद्वार वासियों के आवागमन के लिए चौड़ीकरण और सुगम बनाने की बात की।
गौरतलब है कि 2010 में निर्मित यह पुल कोटद्वार व भाबर के लगभग 40 गांवों की लाइफ लाइन बना हुआ था। लेकिन बीते सालों में अनियंत्रित खनन से पुल के पिलर कमजोर हो गए थे। यही नहीं, उच्च स्तर पर अफसरशाही के बीच सामंजस्य की कमी ने भी आग में घी का काम किया। सेफ्टी ऑडिट में असुरक्षित पाए गए मालन नदी की पुल की मरम्मत के लिए शासन लगभग 50 लाख रुपया आवंटित नहीं कर सका।
शनिवार को स्पीकर ने बेशक पूरे मामले की विजिलेंस जांच की बात कही हो लेकिन यह भी सच है कि दो-चार इंजीनियरों के निलम्बन के बाद यह मसला भी अन्य पुलों की तरह फाइलों में दब जाएगा। विभागीय व शासन स्तर पर हुई लापरवाही से दर्दनाक मौत के शिकार प्रसन्ना डबराल के परिजनों को स्पीकर तभी न्याय दिलवा पाएंगी जब कुछ चेहरे सलाखों के पीछे नजर आए।