उत्तराखंड

सड़कों पर उतरे वाहन चालकों की हड़ताल का दूसरा दिन आज, सर पर सामान लादे यात्रियों की हालत खराब 

10 साल की सजा और पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान वापस ले सरकार 

अकेले उत्तराखंड में पांच हजार से ज्यादा वाहनों के पहिए हो जाएंगे जाम 

देहरादून। केंद्र सरकार की ओर से हिट एंड रन को लेकर बनाए जा रहे नए कानून के विरोध में वाहन चालक सड़क पर उतरे हैं। गढ़वाल विक्रम टेंपो वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से सर्वसम्मति से दो और तीन जनवरी को ऑटो और विक्रम संचालित न करने का फैसला लिया गया। हड़ताल के चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को ऑटो और विक्रम चालकों ने वाहनों का संचालन खुद नहीं किया और दूसरों को भी नहीं करने दिया। हालत यह रही कि धर्मनगरी में ई-रिक्शा और ऑटो चालकों की हड़ताल के चलते वर्ष के पहले दिन गंगा स्नान और देव दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं को परेशानी हुई।

हर तरफ माथे पर सामान लादे लोग पैदल आवागमन करते दिखे। इक्का-दुक्का चालकों ने वाहन चलाने की कोशिश की तो उन्हें यूनियन के अन्य चालकों ने रोक दिया। पूरे दिन सड़क पर तमाशा चलता रहा। विरोध प्रदर्शन के दौरान वाहन चालकों ने कानून को वापस लेने की मांग की। ऑल ओवर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर राव अखलाक ने कहा कि ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस के बैनर तले ट्रक चालक आज भी हड़ताल पर है। कहा कि सरकार ने 10 साल की सजा और पांच लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान वापस नहीं लिया तो मजबूरन हड़ताल करनी होगी। अकेले उत्तराखंड में पांच हजार से ज्यादा वाहनों के पहिए जाम हो जाएंगे।

हरिद्वार ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष लज्जे राम अत्री ने कहा की सोमवार को जिस तरह से वाहन चालकों ने प्रदर्शन कर सड़क पर जाम लगा दिया। उससे साफ जाहिर है कि वाहन चालकों में हिट एंड रन कानून को लेकर रोष पनप रहा है। उन्होंने कहा कि वाहन चालकों ने बिना संगठन को बताए, सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, यह उनकी पीड़ा है। बल्कि जिस व्यक्ति का परिवहन विभाग ने लाइसेंस जारी कर दिया। यह उन सबकी पीड़ा बन चुकी है। वाहन चालक प्रत्येक सरकारी विभाग में कार्यरत हैं। आम आदमी के साथ सभी लाइसेंस धारी इस हिट एंड रन कानून की चपेट में आ रहे हैं।

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