हिमाचल प्रदेश में 12,000 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान, तमिलनाडु सरकार ने 10 करोड़ रुपये का दिया योगदान
शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण हुई तबाही को देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने आपदा राहत कोष में 10 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने यह जानकारी दी। वहीं, चंडीगढ़- मनाली नेशनल हाइवे की रुकावट के कारण 800 से अधिक यात्रियों के फंसे होने पर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने गुरुवार को कहा कि सरकार उन्हें हर संभव मदद प्रदान कर रही है। वे मूसलाधार बारिश और भूस्खलन के कारण सड़क अवरुद्ध होने के कारण मंडी और कुल्लू शहरों के बीच फंस गए हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार सड़कों को बहाल करने और स्थिति को सामान्य बनाने के प्रयास कर रही है और तब तक जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे मुफ्त में उनके रहने और खाने की पर्याप्त व्यवस्था करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडोह के पास भारी भूस्खलन के कारण मंडी और कुल्लू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इसे बहाल करने में कुछ समय लगेगा। जिला प्रशासन ने मंडी जिले के पंडोह और औट में आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की पेशकश के लिए दो राहत शिविर स्थापित किए हैं। बुधवार को इन राहत शिविरों में 800 से अधिक लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए गए, जबकि कुल्लू के बजौरा राहत शिविर में अतिरिक्त 150 व्यक्तियों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून ने पूरे राज्य में कहर बरपाया है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि 350 से अधिक लोगों की जान चली गई है और राज्य को अनुमानित नुकसान 12,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।