राजनीति- उत्तराखण्ड में इंडिया गठबंधन के घटक दल भाजपा के विरोध में सड़क पर उतरेंगे
26 जनवरी की दोपहर “जीतेगा भारत हारेगी नफरत” के तहत दून में प्रदर्शन करेंगे इंडिया गठबंधन के नेता
‘जीतेगा भारत हारेगी नफरत’ को लेकर कांग्रेस मुख्यालय में जुटे विभिन्न दलों के नेता
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यालय में इंडिया गठबंधन के घटक दलों के नेता जुटे। रणनीति बनाई गई कि पूरे प्रदेश भर में प्रदर्शन और आंदोलन किए जाएंगे । यह भी तय हुआ कि 26 जनवरी और 30 जनवरी 2024 को इंडिया गठबंधन और जन संगठन के साथी मिलकर कार्यक्रम करेंगे । बैठक में यह भी तय हुआ कि 26 जनवरी को झंडा रोहण के साथ-साथ दोपहर 1:30 बजे अंबेडकर पार्क घंटाघर से लेकर गांधी पार्क तक “जीतेगा भारत हारेगी नफरत” के तहत प्रदर्शन किया जाएगा। 26 जनवरी को होने वाले “जन गण मन अभियान” और “जीतेगा भारत हारेगी नफरत” के तहत हर जिले में गणतंत्र दिवस के दिन प्रत्येक स्थान पर होने वाले कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी जाएगी।
बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि जिले स्तर पर भी जन संगठनों को चिन्हित करके उनके साथ मिलकर इंडिया गठबंधन रोड मैप तैयार करेगी। बैठक में यह भी तय हुआ कि महीने में एक बार प्रमुख मुद्दे को लेकर सभी दल मिलकर प्रेस वार्ता करेंगे। सभी दलों के बीच में बेहतर समन्वय के लिए शीशपाल सिंह बिष्ट को संयोजक हेतु नियुक्त किया गया। प्रदेश अध्यक्ष करन महारा की अध्यक्षता में इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों एवं सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों की एक बैठक में साथ मिलकर भाजपा के विरोध के बिंदुओं पर सहमति बनी। बैठक में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी को असम के मंदिर में दर्शन हेतु असम सरकार द्वारा रोक लगाने पर निंदा प्रस्ताव पारित किया ।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक सुनियोजित रणनीति के तहत देश में स्थापित संस्थाओं को बर्बाद करने पर तुली हुई है । फौज में अग्नि वीर जैसी योजनाओं को लाकर देश की सीमाओं को कमजोर करने की तैयारी की जा रही है। वक्ताओं ने कहा कि 22 जनवरी को समूचा देश जिस कार्यक्रम का गवाह बना वह धार्मिक कम राजनीतिक ज्यादा था। और इसमें कोई दो राय नहीं कि भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए इस कार्यक्रम को आनंद आनंद में किया और कार सेवा के दौरान जिन कार्यकर्ताओं की मृत्यु हो गई थी उनके परिवारों तक की कोई सुध नहीं ली गई। यह इस बात का उदाहरण है कि भारतीय जनता पार्टी कैसे उपयोग करके लोगों को दूध में से मक्खी की तरह बाहर निकाल फेंकती है।
विभिन्न दलीय नेताओं ने कहा कि प्रदेश का बेरोजगार युवा ,किसान, मजदूर और महिलाएं भाजपा सरकार की कुनीतियों से परेशान है ,उन्हें प्राथमिकता से जनता के बीच में उठाना होगा।वक्ताओं ने कहा की आज के राजनीतिक परिदृश्य में राजनीतिक दलों के साथ-साथ सिविल सोसाइटी के महत्व से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
बैठक में मुख्य रूप से उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत एवं निर्मला बिष्ट , ऑल इंडिया किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवान, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय काउंसिल सदस्य समर भंडारी, स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डा० सत्यनारायण सचान, भारत जोड़ो अभियान के भुवन पाठक , उत्तराखंड इंसानियत मंच के रवि चोपड़ा ,सर्वोदय मंडल के हरबीर सिंह खुशवाहा, भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव राजेंद्र नेगी, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, महेंद्र नेगी, याकूब सिद्दीकी ,नवीन जोशी एवं गरिमा मेहरा दसौनी उपस्थित रहे।