मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, तीन दिनों तक प्रदेश भर के कई इलाकों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन होने से सड़क मार्ग और राजमार्ग अवरुद्ध हो सकते हैं। ऐसे में किसी भी समस्या से बचने के लिए पहाड़ी जिलों की यात्रा करने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य ले लें। पांच साल बाद देहरादून में 28 जुलाई को सामान्य से बहुत कम बारिश हुई। शुक्रवार को दून में सिर्फ 2.2 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से करीब 90 फीसदी कम है। जबकि पांच साल पहले साल 2018 में इस दिन 89.9 एमएम बारिश हुई थी, जो सामान्य से करीब 67 फीसदी अधिक है। जबकि वर्ष 2019 से लेकर 2022 तक भी इससे कम बारिश हुई है। शुक्रवार को राज्यभर में भी सामान्य से 52 फीसदी बारिश कम हुई। हालांकि प्रदेशभर में पूरे जुलाई में अभी तक सामान्य से 39 फीसदी अधिक बारिश हुई है। देहरादून में पिछले कुछ दिनों से कहीं-कहीं तेज बौछार वाली बारिश हो रही है।
जबकि कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हो रही है। जिसके चलते तापमान में इजाफा दर्ज किया जा रहा है। बृहस्पतिवार को भी दून का अधिकतम तापमान दो डिग्री बढ़ोतरी के साथ 32 डिग्री पहुंच गया। इससे पहले भी जिले के अधिकतम तापमान में दो से छह डिग्री तक का इजाफा दर्ज किया गया था। उधर मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में अगस्त में भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, बीते सालों के मुकाबले इस साल जुलाई में कुछ जिलों में कम बारिश हुई है। हालांकि इतना अंतर अक्सर देखने को मिलता है, लेकिन अगस्त में अच्छी बारिश के आसार हैं। बीते सप्ताह ऊधमसिंह नगर में सबसे कम बारिश हुई। यहां 19 से 26 जुलाई तक सिर्फ 24.2 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से 66 फीसदी कम है। जबकि सबसे अधिक बारिश बागेश्वर में हुई है। यहां एक सप्ताह में 256.7 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से 324 प्रतिशत ज्यादा है। दून में सप्ताहभर में 140 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से सिर्फ पांच फीसदी अधिक है।