सेहत के बारे में काफी कुछ बताती है नाक, जानिए कैसे
नाक सांस के लिए हवा प्रदान करने और सूंघने की क्षमता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सेहत के बारे में भी बहुत कुछ बताती हैं। यह अपनी स्थितियों के जरिए हमारे स्वास्थ्य का हाल बता सकती है। आपकी नाक मधुमेह से लेकर कोरोना वायरस जैसी महमारी तक विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के शुरुआती चेतावनी संकेत दे सकती है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि नाक किन-किन स्वास्थ्य जोखिमों की ओर इशारा करती है।
बहती नाक
लगातार बहती नाक का मतलब यह हो सकता है कि आपको सर्दी या फ्लू हुआ है। फ्लू होने पर आपको छींकें, नाक बंद होना और गले में खराश जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इनसे राहत पाने के लिए हर्बल चाय, शहद और अदरक का मिश्रण, हल्दी और तुलसी का पानी पीने जैसे घरेलू नुस्खों को अपनाना लाभदायक हो सकता है। फ्लू के अलावा कोविड-19 होने पर भी बहती नाक का सामना करना पड़ सकता है।
नाक से खून निकलना
नाक से खून आना विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों का संकेत दे सकता है। ऐसा साइनस होने पर भी हो सकता है। यह खोपड़ी में भरी हुई हवा होती है और यह माथे, नाक की हड्डी, गाल समेत आंखों के पीछे होती है। जब साइनस में सूजन या म्यूकस यानी बलगम जम जाती है तो इसमें कीटाणु पनपने लगते हैं, जो स्थिति को बिगाड़ सकता है। इसके अलावा एलर्जी, हीमोफीलिया जैसी समस्याओं के कारण भी नाक से खून आ सकता है।
सूंघने की क्षमता कम होना
सूंघने की क्षमता कमजोर होना विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। नेजल पॉलीप्स होने पर नाक की सूंघने की क्षमता कमजोर हो सकती है। कोविड-19, सर्दी या साइनस के कारण भी सूंघना मुश्किल हो सकता है। मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति में हाई ब्लड शुगर होने पर भी सूंघने की क्षमता को नुकसान हो सकता है। इसके अतिरिक्त यह मल्टीपल स्केलेरोसिस या मोटर न्यूरॉन रोग जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियों का प्रारंभिक संकेत भी हो सकता है।
असामान्य गंध महसूस करना
असामान्य गंध को फैंटोस्मिया भी कहा जाता है। यह एक गंध से संबंधित विकार है। इससे ग्रस्त व्यक्ति को अजीबोगरीब गंध महसूस होने लगता है। यह अमूमन दौरे, सिर में चोट, मस्तिष्क ट्यूमर या पार्किंसंस रोग जैसी स्थितियों के कारण हो सकता है। इसके अलावा साइनस होने पर भी आपको फैंटोस्मिया हो सकता है, जिससे चीजों की महक और स्वाद में बदलाव महसूस हो सकता है।
लाल नाक
लाल नाक रोसैसिया नामक स्वास्थ्य स्थिति का संकेत दे सकती है। इस स्थिति के कारण चेहरे का मध्य भाग लाल हो जाता है और समय के साथ, विशेष रूप से पुरुषों में नाक की त्वचा मोटी और लाल हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप राइनोफिमा नामक स्थिति होती है। गंभीर मामलों में यह नाक के आकार को भी प्रभावित कर सकता है और इससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है।