बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री नायला कादरी बलोच ने हरिद्वार में मां गंगा के साथ ही भगवान शिव की विधि- विधान से पूजा की
हरिद्वार। बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री नायला कादरी बलोच ने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी, डॉ. उदिता त्यागी और हिन्दू महासभा की नेता राजश्री चौधरी के साथ हरिद्वार पहुंचकर महादेव की पूजा की। वीआईपी घाट पर अखंड परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक, महामंडलेश्वर स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती, कथावाचक पवनकृष्ण शास्त्री आदि ने उनका स्वागत किया। नायला कादरी बलोच ने आजाद बलूचिस्तान के निर्माण के लिए मां गंगा के साथ ही देवाधिदेव भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की। उन्होंने पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समर्थन मांगा।
गंगा तट से उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के मंदिरों को तोड़ने वालों की औलादों को अपने पुरखों के कुकृत्य पर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के उपासना स्थलों में प्यार और सम्मान मिलता है। इससे वह पूरी तरह अभिभूत हैं। सनातन धर्म के मंदिर और उपासना स्थल सम्पूर्ण मानवता के लिये प्रेम और सम्मान से भरे हैं। पता नहीं वह कौन सा पागलपन है जो कुछ लोगों को ऐसे मंदिर और उपासना स्थल को तोड़ने की इजाजत देता है। मंदिरों को तोड़ने वाले कोई राजा, महाराजा या सुल्तान नहीं थे बल्कि चोर डाकू थे। यदि ऐसे चोर डाकुओं की औलादें कहीं हैं या कोई खुद को उनकी औलाद मानता है तो उसे अपने पुरखों के कारनामों पर शर्मिंदा होना चाहिए।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने सनातन के धर्मगुरुओं से संपूर्ण विश्व में इस्लाम के जिहादियों द्वारा किये जा रहे अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध विश्व का वैचारिक नेतृत्व करने की प्रार्थना की। श्री अखण्ड परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने बलूचिस्तान की आजादी के लिए समर्थन देने की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस विषय मे त्वरित कदम उठाने की भी अपील की। इस दौरान पंडित गिरीश मिश्रा, नितिन शास्त्री, विष्णु गौड़, कुलदीप शर्मा व अन्य लोग मौजूद रहे।