उत्तराखंड

17 दिन तक सुरंग में कैद श्रमिकों की हिम्मत बने गब्बर सिंह का घर पहुंचने पर नायकों जैसा स्वागत

बेटे को देखकर मां की आंखों से छलके आंसू 

देहरादून। वह गब्बर सिंह नेगी ही थे, जो 17 दिन तक उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में कैद श्रमिकों की हिम्मत बने। स्वयं सुरंग में फंसे होने के बावजूद गबर सिंह अपने साथियों को हौसला बंधाते रहे और भरोसा दिलाते रहे कि सभी जल्द ही आजाद होंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक हर किसी ने गबर सिंह की प्रशंसा की। शुक्रवार को जब वह कोटद्वार स्थित अपने घर पहुंचे तो वहां भी उनका नायकों जैसा स्वागत किया गया। बेटे को देखकर मां बिचुली देवी की आंखें छलक गईं। मां ने अपने पाल्य का माथा चूम गले से लगा लिया। इससे पहले भाजपा समेत विभिन्न संगठनों ने भी गबर सिंह का भव्य स्वागत किया।

एम्स ऋषिकेश में सघन स्वास्थ्य परीक्षण के बाद शुक्रवार को गबर सिंह जैसे ही कौड़िया चेकपोस्ट पर पहुंचे, भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें फूल माला से लाद दिया। साथ ही उनके स्वागत में नारेबाजी और आतिशबाजी भी की। इसके बाद गबर सिंह को विशनपुर स्थित उनके आवास ले जाया गया। वहां उनके स्वागत को स्वजन के साथ बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी भी मौजूद थे। स्वजन ने गबर सिंह की आरती उतारी और फूल माला पहनाई।

इस दौरान गबर सिंह ने सुरंग में बिताए 17 दिन के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि परिस्थिति कितनी भी कठिन हो, पर हार नहीं माननी चाहिए। उन्होंने बताया कि सुरंग में शुरुआती दो दिन श्रमिकों ने मूंगफली और केले के छिलके खाकर गुजारे। साथ ही कहा कि ईश्वर ने सभी को हिम्मत प्रदान की और सरकारी मशीनरी ने उन्हें सुरक्षित निकालने को कोई कसर नहीं छोड़ी।

इससे पूर्व निवर्तमान महापौर हेमलता नेगी, पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुनीता कोटनाला, विशनपुर की नारायणी कीर्तन मंडली, रतनपुर की लक्ष्मी नारायण कीर्तन मंडली और श्री गुरुराम राय पब्लिक स्कूल लालपानी के विद्यार्थियों ने भी गबर सिंह का स्वागत किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *