सुरंग निर्माण कंपनी से जुड़े मजदूर हेमंत नायक, कुंवर बहादुर, जगन्नाथ व आदित्य का कहना है कि जब उनके साथी अंदर फंसे हैं तो छठ पर्व का उल्लास कैसा। उन्होंने अपने सभी साथियों के जल्द से जल्द बाहर निकलने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन शुक्रवार शाम 24 घंटे बाद चली, लेकिन फिर लोहे का अवरोध आने से रुक गई। जिससे एक बार फिर मजदूरों के बाहर निकलने का इंतजार बढ़ गया।
अब तक मलबे में करीब 47 मीटर ही पाइप पहुंच पाया है। अधिकारियों के मुताबिक अभी करीब 9 मीटर का सफर बाकी है।
एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि मशीन चलने से हो रहे कंपन के कारण सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। जिससे मलबा गिरने का खतरा है। इसी लिए बीच में काम रोकने का निर्णय लिया गया है। इन सब के बीच यमुनोत्री हाईवे के निकट छोटे से गांव सिलक्यारा को सुरंग हादसे ने बड़ी पहचान दी है। हादसे के बाद गुमनाम सा यह गांव देश-विदेश की सुर्खियां में रहा। हैशटैग उत्तरकाशी रेस्क्यू से इस हादसे को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अब तक चार हजार से ज्यादा पोस्ट की जा चुकी हैं, जबकि गूगल पर उत्तराखंड टनल लेटेस्ट न्यूज कीवर्ड से इस हादसे से जुड़ी खबरों को 13 दिन में 20 हजार से अधिक बार सर्च किया गया है।
पिछले 14 दिनों से सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने लिए केंद्र व राज्य की करीब 19 एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। देशभर से कई बड़ी मशीनें यहां ड्रिलिंग और बोरिंग के लिए पहुंचाई गईं। देश के कई बड़े वैज्ञानिक संस्थानों के विशेषज्ञ भी सिलक्यारा पहुंचे। वहीं, विदेशी एक्सपर्ट भी बुलाए गए। हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन को कवर करने के लिए देश-विदेश के तमाम बड़े मीडिया संस्थान सिलक्यारा पहुंचे।
इसके अलावा राज्य व केंद्र के कई बड़े अफसरों के साथ मंत्री भी यहां पहुंचे। सोशल मीडिया पर नजर डालें तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हैशटैग उत्तरकाशी रेस्क्यू से शुक्रवार शाम तक 4,972 पोस्ट हो चुकी हैं। वहीं, गूगल पर उत्तराखंड टनल लेटेस्ट न्यूज कीवर्ड को 20 हजार से ज्यादा लोगों ने खोजा है।