दून के प्रसिद्ध उद्योगपति सुधीर विंडलास को सीबीआई ने गिरफ्तार किया
विंडलास के मैनेजर सहित तीन अन्य भी सीबीआई की हिरासत में
जमीन कब्जाने के मामले में बीते साल शासन ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी
देहरादून। शहर के चर्चित उद्योगपति व रियल स्टेट के कारोबारी सुधीर विंडलास को सीबीआई ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। विंडलास के साथ उनके परचेज मैनेजर रवि दयाल व प्रशांत समेत तीन अन्य को भी हिरासत में लेने की खबर है। विंडलास की गिरफ्तारी को लेकर रियल स्टेट सेक्टर में हलचल मच गई। गौरतलब है कि लगभग पांच साल पहले विंडलास पर धोखाधड़ी से जमीन कब्जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। एसआईटी जांच भी हुई थी लेकिन विंडलास के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अक्टूबर 2022 में शासन ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। और 18 जनवरी 2023 को सीबीआई ने विंडलास के प्रतिष्ठानों में छापे भी मारे थे। दून के प्रसिद्ध उद्योगपति विंडलास कई साल से हॉलीवुड व बॉलीवुड फिल्मों में प्रयोग होने वाले पारंपरिक हथियारों का निर्माण भी करते रहे हैं। इधर, लम्बे समय से रियल स्टेट व जमीनों के धंधे से भी जुड़े हुए थे। कुछ साल पहले जमीन कब्जाने केआरोप में काफी विवादित भो हो गए थे।
पढ़िए, उद्योगपति सुधीर विंडलास के खिलाफ मुकदमे दर्ज व सीबीआई जांच की सिफारिश से जुड़ी खबरें 10 अक्टूबर 2022 को शासन ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी उत्तराखंड शासन ने स्थानीय बिल्डर व भू माफिया सुधीर कुमार विंडलास व मैनेजर प्रशांत के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है। इस बाबत अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने केन्द्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय को शासन की सीबीआई जांच सम्बन्धी संस्तुति से से अवगत कराते हुए आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया है।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के केंद्र को भेजे संस्तुति पत्र में कहा गया है कि माफिया सुधीर कुमार विण्डलास व उसके मैनेजर प्रशान्त आदि द्वारा फर्जी कूटरचित दस्तावेज तैयार करके ग्राम जौहड़ी गांव में भूमि पर कब्जा करने के सम्बन्ध में जनपद देहरादून के थाना राजपुर में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज है। गौरतलब है कि बिल्डर सुधीर विंडलास के दून में रियल स्टेट के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी विंडलास के प्रकरण में तीखी टिप्पणी की है।
सीबीआई जांच की सिफारिश की थी शासन ने
10 जनवरी 2022 को मुकदमा दर्ज, 20 बीघा जमीन कब्जाने जा आरोप
देहरादून के चर्चित उद्योगपति व रियल एस्टेट कारोबारी सुधीर विंडलास के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि सुधीर ने अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर जोहड़ी गांव स्थित 20 बीघा जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जा लिया। जमीन के मालिक ने विरोध किया तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। एसआईटी की जांच में विंडलास दोषी पाए गए थे, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया था। अब पुलिस कप्तान के आदेश पर राजपुर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
रवि दयाल विंडलास कंपनी में परचेज मैनेजर पुलिस के मुताबिक संजय सिंह निवासी वसंत विहार ने पुलिस कप्तान को शिकायत की थी। संजय सिंह के अनुसार उनकी माता ओमवती व उनके नाम पर जोहड़ी गांव में करीब 20 बीघा जमीन है। इस पर सुधीर विंडलास की नजर थी। वर्ष 2010 में सुधीर विंडलास ने संजय से कहा था कि यह जमीन उसे बेच दो नहीं तो वह कब्जा कर लेगा, लेकिन संजय ने मना कर दिया। इसके कुछ दिन बाद पता चला कि इस जमीन को फर्जीवाड़ा कर बेच दिया गया है। नई खतौनी में किसी रवि दयाल के नाम यह जमीन कर दी गई है।
इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत एसआईटी भूमि को कर दी। जांच में पता चला कि रवि दयाल विंडलास कंपनी में परचेज मैनेजर है। जबकि उन्होंने जिसे संजय सिंह दर्शाया है वह सुधीर विंडलास के ड्राइवर का भाई है। इस पर जिस अजय नाम के गवाह के हस्ताक्षर हैं उसकी कुछ दिन पहले मौत हो चुकी है। इसी तरह जिसे ओमवती दर्शाया गया है वह सुधीर विंडलास के ड्राइवर की माता है। जांच में पुष्टि हुई कि रवि दयाल के खाते में विंडलास कंपनी से ही सैलरी जाती है। उसके खाते में कुछेक लाख रुपये ही हैं। फिर वह इस करोड़ों की जमीन को कैसे खरीद सकता है।
तत्कालीन एसआईटी प्रभारी डीआईजी गढ़वाल रेंज ने मुकदमे की संस्तुति भी कर दी थी, लेकिन सुधीर के प्रभाव के चलते कहीं मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। ऐसे में उन्होंने पुलिस कप्तान को शिकायत की। कप्तान डीआईजी जन्मेजय खंडूरी ने एसआईटी की जांच के आधार पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। एसओ राजपुर मोहन सिंह ने बताया कि इस मामले में सुधीर विंडलास और रवि दयाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
कोर्ट को भी किया गुमराह
पीड़ित संजय सिंह ने पुलिस को बताया कि जिस वक्त उन्होंने एसआईटी को इसकी शिकायत की थी तब सुधीर विंडलास ने उन्हें समझौते की पेशकश की थी। कहा था कि वह यह विक्त्रस्य पत्र निरस्त करा देंगे। इसके बाद खुद ही कोर्ट में जाकर एक पक्षीय फैसला भी ले लिया। इस विक्त्रस्य पत्र को शून्य करार दे दिया गया, लेकिन इसमें उन्हें पार्टी नहीं बनाया गया। जबकि यह जमीन ऐसे में सुधीर विंडलास ने कोर्ट को भी गुमराह किया है।
एक महीने में दर्ज हुए थे तीन मुकदमे
सुधीर विंडलास के खिलाफ मुदकमो की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। इसके बाद जनवरी 2022 में तीन मुकदमे एक के बाद एक दर्ज किए गए। सभी मुदकमों की जांच के लिए कई बार विवेचना अधिकारी भी बदले गए। लेकिन, बाद में इन्हें सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया।
दुर्गेश गौतम निवासी राजपुर ने वर्ष 2018 में एसआईटी (भूमि) से शिकायत की थी। आरोप था कि सुधीर विंडलास और उनके साथियों ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर अपनी जमीन बढ़ा ली है। यह करीब एक हेक्टेयर जमीन है।
इसमें कुछ तहसील कर्मचारियों की मिलीभगत का भी आरोप था। एसआईटी की सिफारिश पर 14 फरवरी 2018 को राजपुर थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में सुधीर विंडलास और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। अन्य तीन मुकदमे जनवरी 2022 में दर्ज हुए थे। दून पैरामेडिकल कॉलेज के मालिक संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि सुधीर विंडलास ने अपने स्टाफ के लोगों के साथ मिलकर उनकी बेशकीमती जमीन को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया। न्यायालय में भी झूठे प्रमाण पत्र लगाकर जमीन बिक्री के करार को एकतरफा खत्म करा दिया था।
यह मुकदमा नौ जनवरी 2022 को दर्ज हुआ। उनके खिलाफ तीसरा मुकदमा 13 जनवरी को सेना से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल सोबन सिंह दानू की शिकायत पर दर्ज हुआ। राजपुर थाने में ही दर्ज इस मुकदमे में आरोप है कि विंडलास ने सरकार से आवंटित उनकी भूमि कब्जाई थी।
इसके बाद संजय सिंह की ही शिकायत पर 25 जनवरी को चौथा मुकदमा दर्ज हुआ। इस मुकदमे में उनके भाई को भी आरोपी बनाया गया। आरोप है कि उन्होंने रजिस्ट्रार कार्यालय से जमीन के असली बैनामे को ही गायब करा दिया और पुराने मालिक के वारिसों से जमीन अपने नाम करा ली।
पिछले साल दर्ज हुए मुकदमो की विवेचना राजपुर से हटाकर वसंत विहार थाने को दी गई थी। लेकिन, इसमें कोई कार्रवाई न होते देख पीड़ितों ने पुलिस मुख्यालय से गुहार लगाई। जिसके बाद सीबीआई जांच की संस्तुति की गई। (साभार